बिहार सरकार ने आज जाति आधारित सर्वेक्षण की रिपोर्ट जारी कर दी है। राज्य के प्रभारी मुख्य सचिव सह विकास आयुक्त विवेक कुमार सिंह ने पटना में रिपोर्ट जारी की। इसमें राज्य की जनसंख्या 13 करोड़ 7 लाख से अधिक रहने का अनुमान है।
रिपोर्ट के अनुसार राज्य की आबादी में अति पिछड़ा वर्ग का प्रतिशत सबसे अधिक है जो कुल आबादी का 36 प्रतिशत से अधिक है। सर्वे के अनुसार अत्यंत पिछड़ा वर्ग की संख्या 36.01 प्रतिशत यानी करीब 4 करोड़ 71 लाख है। वहीं दूसरा सबसे बड़ा सामाजिक प्रतिनिधित्व पिछड़ा वर्ग का है जो राज्य की जनसंख्या में 3 करोड़ 54 लाख से अधिक है। सर्वे में कहा गया है कि पिछड़ा वर्ग का प्रतिनिधित्व 27 दशमलव 12 प्रतिशत है। अनुसूचित जाति का प्रतिशत राज्य में कुल आबादी का 19 दशमलव 65 प्रतिशत बताया गया है वहीं अनुसूचित जनजाति का प्रतिनिधित्व सबसे कम यानी 1.68 प्रतिशत है। बिहार में अनुसूचित जाति की संख्या 2 करोड़ 56 लाख जबकि जनजाति वर्ग की संख्या लगभग 22 लाख रहने का अनुमान है। जाति आधारित सर्वे के अनुसार सामान्य वर्ग यानी अनारक्षित वर्ग का प्रतिशत 15.52 प्रतिशत है। इस वर्ग की आबादी 2 करोड़ 2 लाख से अधिक अनुमानित है। सरकार ने धर्मावलंबियों की भी गिनती कराई थी। इसमें कहा गया है कि सबसे अधिक आबादी हिंदुओं की है। हिंदुओं की आबादी 10 करोड़ 71 लाख से अधिक है जबकि प्रतिशत में राज्य की आबादी का लगभग 82 फीसदी है। सर्वे के अनुसार दूसरे स्थान पर इस्लाम धर्म को मानने वाली आबादी है। मुस्लिम आबादी जनसंख्या का 17 दशमलव 7 प्रतिशत यानी 2 करोड़ 31 लाख से अधिक अनुमानित है। तीसरे स्थान पर ईसाई धर्म को मानने वाली आबादी है और चौथे स्थान पर सिख धर्मावलंबियों की आबादी है।
राजनीतिक दलों की मिली-जुली प्रतिक्रिया-
बिहार में जाति आधारित सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी होने के बाद राजनीतिक दलों की ओर से मिली जुली प्रतिक्रिया आई है। जदयू नेता और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण दिन है जब गांधी जयंती के दिन यह जाति गणना की रिपोर्ट आई है। इससे जातियों की आर्थिक सामाजिक स्थिति के अनुरुप उनके कल्याण के लिए योजनाएं बनाने में मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कल इस रिपोर्ट को राज्य में 9 दलों के समक्ष रखा जाएगा। प्रस्तुतिकरण के दौरान जाति गणना के सामाजिक आर्थिक परिणामों पर भी चर्चा होगी। इधर, राष्ट्रीय जनता दल के नेता और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि जाति गणना में वैज्ञानिक तरीके से आकलन किया गया है। इससे उन पिछड़े समूहों को लाभ होगा जिन्हे सरकार की ओर से लाभ नहीं मिला है। राज्य में सबसे बड़े विपक्षी दल भाजपा ने रिपोर्ट को आधा अधूरा बताया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि जाति आधारित गणना में सामाजिक आर्थिक पिछड़े पन के आंकड़े नहीं जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा जाति आधारित गणना में अपनाई गई तकनीक और प्रक्रिया का अध्ययन करेगी इसके बाद पार्टी की ओर से पूर्ण रुप से प्रतिक्रिया दी जाएगी।