
केंद्र सरकार इस साल के अंत तक देश से कालाजार को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने कालाजार रोग की स्थिति की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। ये समीक्षा बैठक बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और पश्चिम बंगाल के चार स्थानिक राज्यों में कालाजार रोग की स्थिति की समीक्षा के लिए की गई थी। इस लेख में हम कालाजार के बारें मे विस्तार से जानने के अलावा भारत में और किन बीमारियों का उन्मूलन हुआ है और किसके लिए प्रयास जारी है इस पर भी एक नज़र डालेंगे।
कालाजार बीमारी क्या है
कालाजार बीमारी Sand Fly यानि बालू मक्खी के काटने से फैलती है। जब किसी को ‘कालाजार’ होता है तो उसे महीनों तक बुखार रहता है। इसमें शरीर में खून की कमी हो जाती है और शरीर कमजोर पड़ जाता है। संक्रमित व्यक्ति का वजन भी घट जाता है। यह बीमारी, बच्चों से लेकर बड़ों तक किसी को भी हो सकती है।
संक्रमित राज्य और कहां हुआ उन्मूलन
कालाजार चार स्थानिक राज्यों बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के 54 जिलों के 633 ब्लॉकों में स्थानिक है। इन राज्यों में यह एक उल्लेखनीय बीमारी है। वर्तमान में कालाजार के 90% से अधिक मामलों में बिहार और झारखंड का योगदान है। झारखंड के पाकुड़ जिले का केवल एक ब्लॉक (लिट्टीपारा) स्थानिक श्रेणी में है। कालाजार के मामलों में 2007 से 2022 तक 98.7% की गिरावट दर्ज की गई है। 2007 में इसके 44,533 मामले थे जो 2022 में घटकर मात्र 834 रह गए है। 2019 में उत्तर प्रदेश ने और 2017 में पश्चिम बंगाल ने ब्लॉक स्तर पर अपने उन्मूलन लक्ष्यों को प्राप्त कर लिया है।
पीएम की 'मन की बात' में भी जिक्र
पीएम मोदी ने पिछले साल 'मन की बात' के दिसंबर अंक में कालाजार बीमारी को लेकर चर्चा की थी। पीएम मोदी ने कहा था कि सबके प्रयास से, ‘कालाजार’ नाम की बीमारी तेजी से समाप्त होती जा रही है। ‘कालाजार’ प्रभावित क्षेत्रों के लोगों से आग्रह करते हुए उन्होंने कहा था कि वो सतर्क रहते हुए दो बातों का जरूर ध्यान रखें। एक है तो Sand Fly या बालू मक्खी पर नियंत्रण, और दूसरा, जल्द से जल्द इस रोग की पहचान और पूरा इलाज। ‘कालाजार’ का इलाज आसान है, इसके लिए काम आने वाली दवाएं भी बहुत कारगर होती हैं। बुखार हो तो लापरवाही ना बरतें, और, बालू मक्खी को खत्म करने वाली दवाइयों का छिड़काव भी करते रहें।
कालाजार उन्मूलन में सरकार के प्रयास
सरकार ने 2023 तक कालाजार के उन्मूलन की दिशा में कई कदम उठाए हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई), ग्रामीण विद्युतीकरण, समय पर परीक्षण, उपचार, समय-समय पर उच्च स्तरीय समीक्षा कर सरकार अपने हितधारकों के साथ एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र सुनिश्चित कर रही है।
भारत सरकार एक्टिव केस डिटेक्शन, सर्विलांस, इलाज, डायग्नोस्टिक किट, दवाइयां, स्प्रे आदि की आपूर्ति में राज्यों की मदद कर रही है। जिससे बीमारी का जल्द पता चल सके और समय पर इलाज हो सके।
केंद्र सरकार ने राज्यों से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि "कुख्यात सैंडफ्लाई के माध्यम से संचरण को किसी भी कीमत पर रोका जाए।
सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं में मुफ्त में उपलब्ध उपचार के बारे में जागरूकता अभियान को मजबूत करने का प्रयास जारी है। कालाजार के बारें में सार्वजनिक जागरूकता फैलाने के लिए और इस क्षेत्र में सरकार के प्रयासों को विभिन्न माध्यमों से व्यापक रूप से प्रसारित किया जा रहा है।
देश में और कौन से उन्मूलन कार्यक्रम जारी
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने 2025 तक टीबी का उन्मूलन करने के लिए ‘प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान’ प्रारंभ किया। राष्ट्रपति ने टीबी का उपचार करा रहे रोगियों के लिए अतिरिक्त निदान, पोषण और व्यावसायिक सहायता सुनिश्चित करने के लिए नि-क्षय मित्र पहल की भी शुरुआत की। इसके साथ ही रोगियों को स्वास्थ्य लाभ की उनकी यात्रा पूरी करने में सहायता देने के लिए निर्वाचित प्रतिनिधियों, कॉरपोरेट्स, गैर सरकारी संगठनों और व्यक्तियों को दाताओं के रूप में आगे आने के लिए प्रोत्साहित किया। ये लोग निक्षय मित्र बनकर, टी.बी. के मरीजों की देखभाल कर रहे है। इसके अलावा केंद्र सरकार ने 2030 तक मलेरिया और लसीका फाइलेरिया को खत्म करने का लक्ष्य है।
किन बीमारियों से मुक्त हुआ भारत
भारत ने जहां एक ओर 220 करोड़ कोविड vaccine का अविश्वसनीय आंकड़ा पार करने के रिकॉर्ड बनाया तो वहीं बीते कुछ वर्षों में हमने स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़ी कई बड़ी चुनौतियों पर विजय पाई है। इसका पूरा श्रेय Medical Experts, Scientists और देशवासियों की इच्छाशक्ति को जाता है। भारत से Smallpox, Polio और ‘Guinea Worm’ जैसी बीमारियां समाप्त हो गई है।