गुजराती जनता ने विकास मॉडल को अपनाया, फ्री मॉडल को ठुकराया

गुजरात चुनाव में बीजेपी की शानदार जीत इस ओर इशारा कर रही है कि आज भी पीएम मोदी लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हैं। जनता उन्हें अपना नेता मानती है और देश ही नहीं, गुजरात की जनता को पीएम मोदी के नेतृत्व और उनकी पार्टी पर भरोसा कायम है। ये भरोसा नारों-वादों या मुफ्तखोरी से नहीं है, बल्कि यह 27 साल के संघर्ष और राज्य की लगातार बेहतर हुई अर्थव्यवस्था और विकास से पैदा हुआ है।

पीएम मोदी ने नारा है ‘सबका साथ-सबका विकास, सबका विश्वास-सबका प्रयास। इस नारे को ध्यान में रखते हुए पिछले 27 सालों से बीजेपी गुजरात के  लोगों की सुरक्षा और उनकी समृद्धि की प्रतिबद्धता के साथ काम करती आ रही है और यही कारण है की आज भी लोगों ने गुजरात चुनाव में बीजेपी को अपनी पहली पसंद बनाया।

विकास मॉडल बनाम फ्री मॉडल

इस बार गुजरात चुनाव में विकास मॉडल बनाम फ्री मॉडल की लड़ाई थी लेकिन जनता ने इन दोनों मॉडल में से विकास के मॉडल को अपनी पहली प्राथमिकता दी  और इस कारण बीजेपी ने गुजरात में अबतक का सबसे बढ़िया प्रदर्शन कर सारी पार्टियों का क्लीन स्वीप कर दिया। बीजेपी ने विकास के नित नए रोडमैप बनाकर देश की प्रगति में लंबी लकीर खिंची है। सबसे पहले उन्होंने आम नागरिकों के जीवन स्तर में बदलाव लाने वाले बड़े कदम उठाए। गुजरात चुनावों  में बीजेपी ने हर वर्ग, हर क्षेत्र को ध्यान में रख कर घोषणाएं  की थीं जिनमें जनता ने विश्वास जताया और बीजेपी को ही राज्य के विकास के लिए सबसे उपयुक्त समझा।

किसानों को दिख रही आशा

कृषि को और 'समृद्ध’ बनाने की दिशा में और उनकी बेहतरी के लिए बड़ी घोषणाएं की थीं। इन घोषणाओं के मायने समझा जाए तो वो दिन दूर नहीं, जब राज्य में किसानों की आय से लेकर उनकी स्थिति और भी बेहतर होगी। घोषणा पत्र में सिंचाई नेटवर्क का विस्तार करने के लिए 25,000 करोड़ रुपये का निवेश करने का वादा किया गया था। साथ ही खेदूत मंडियों, आधुनिक एपीएमसी, छंटाई और ग्रेडिंग इकाइयों, कोल्ड चेन, गोदामों, प्राथमिक प्रसंस्करण केंद्रों की एक समग्र प्रणाली विकसित करने के लिए गुजरात कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर कोष के तहत 10,000 करोड़ रुपये का निवेश करने इसके अलावा अगले 5 वर्षों में पूरे गुजरात में सुजलाम सुफलाम, सौनी, लिफ्ट सिंचाई परियोजनाओं, सूक्ष्म सिंचाई, ड्रिप सिंचाई और अन्य प्रणालियों जैसी परियोजनाओं के माध्यम से मौजूदा सिंचाई नेटवर्क का विस्तार करने के लिए 25,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की बात अपने घोषणा पत्र में कही थी। जनता को इन घोषणाओं से साफ लगा कि अगर इन पहलुओं पर सरकार काम करती है तो उनके राज्य में विकास की बयार बहने लगेगी।

सपनों का घर

समाज के कमजोर वर्गों को किफायती आवास प्रदान करने और हर नागरिक के पास पक्का घर, प्रधानमंत्री आवास योजना का 100% कार्यान्वयन सुनिश्चित करने का वादा बीजेपी सरकार ने अपने घोषणा पत्र में उल्लेख किया। रोटी-कपड़ा-मकान जनता की पहली प्राथमिकता होती है। गुजराती समाज काम को प्राथमिकता देता है, उसे फ्री का सामान लेकर अपने राज्य के आधारभूत ढांचा को कमजोर नहीं करना था, इसलिए उसने विकास को अपने वोट बैंक के लिए चुना।

तन स्वस्थ तो मन स्वस्थ

अपने घोषणा पत्र में बीजेपी ने प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) के तहत वार्षिक कैप को 5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये प्रति परिवार दोगुना करने  और मुफ्त चिकित्सा उपचार सुनिश्चित किया। ईडब्ल्यूएस परिवारों के लिए सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों और सूचीबद्ध प्रयोगशालाओं में फ्री डायग्नोसिस ​​​​सेवाएं देने के लिए 110 करोड़ रुपये के कोष के साथ मुख्यमंत्री नि:शुल्क निदान योजना शुरू करने की बात अपने संकल्प पत्र में कही। स्वास्थ्य किसी भी परिवार की सबसे बड़ी चिंता होती है। सरकार ने जनता से ये वादे कर साफ मैसेज दिया था कि उनके स्वास्थ्य का देखभाल कर वो राज्य के स्वास्थ्य को और भी अधिक सुदृढ़ करेंगे।

रोजगार पहली प्राथमिकता

बीजेपी ने रोजगार से जुड़े मुद्दों को प्रमुखता दी। बीजेपी ने वादा किया की गुजरात के युवाओं को अगले 5 साल में 20 लाख रोजगार के अवसर देंगे। हरित ऊर्जा, सेमीकंडक्टर्स, फिनटेक और एयरोस्पेस के क्षेत्रों में उत्कृष्टता केंद्रों के रूप में आईआईटी की तर्ज पर 4 गुजरात प्रौद्योगिकी संस्थान (जीआईटी) स्थापित करेंगे। रोजगार के अपने वादे के साथ बीजेपी ने बताया कि जैसे आज युवाओं का भविष्य सही हाथों में है वैसे ही अगर वे चुनकर आए तो आगे भी युवाओं का भविष्य सही हाथों में रहेगी।

आतंक बर्दाश्त नहीं

सुरक्षा, संभावित खतरों और आतंकवादी संगठनों और भारत विरोधी ताकतों के स्लीपर सेल की पहचान करने और उन्हें खत्म करने के लिए एक एंटी-रेडिकलाइजेशन सेल बनाने की बात बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में कही। इसके माध्यम से बीजेपी ने राज्यवासियों को बता दिया कि किसी भी कीमत पर राज्य के लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बीजेपी का यह मैसेज पूरे देशभर में पहले से ही है कि वो आतंक के मुद्दे पर जीरो टॉलरेंस की भावना से कार्य करती है।

जनकल्याण

पिछले 27 सालों से गुजरात में बीजेपी ने जनकल्याण, आर्थिक फैसलों, अल्पसंख्यकों से संबंधित फैसलों ने समाज के हर वर्ग, हर तबके को लाभ पहुंचाया है। बीजेपी ने जनकल्याण की दिशा में कई ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं, जिन्होंने गरीब व जरूरतमंद भारतीयों के उत्थान का मार्ग प्रशस्त किया है। बीजेपी की इस सोच से जनता को यह संदेश गया कि वो अपने फैसलों में जनकल्याण देखती है, किसी खास जाति या धर्म को तवज्जो नहीं देती।

मिशन पर फोकस

एक परिवार कार्ड योजना, गुजरात समान नागरिक संहिता समिति की सिफारिशों का पूर्ण कार्यान्वयन सुनिश्चित करना, गौशालाओं को मजबूत करना, सरकारी स्कूलों को उत्कृष्ट स्कूलों में बदलना, विश्व स्तरीय खेल बुनियादी ढांचा तैयार करना या  फिर चाहे महिलाओं के लिए विभिन्न योजनाओं के माध्यम से महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना हो, बीजेपी ने हर तबके, हर वर्ग का कल्याण सुनिश्चित किया है।

बीजेपी अपने विकास मिशन से जरा-सा भी विचलित नहीं हुई। उसने  हर कार्यक्रम, जनसभा और सरकारी कार्यक्रमों में विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने कहा कि सामान्य मानव के जीवन में बदलाव लाना और देश के प्रगति के पथ पर अग्रसर करना ही उनका एकमात्र उद्देश्य है।

कुल मिलाकर देखा जाए तो बीजेपी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र से ये मैसेज पहले ही दे दिया था कि उसका सत्ता में रहने का एकमात्र उद्देश्य जनकल्याण है, इसके विपरीत अन्य पार्टियां ये विश्वास दिला पाने में नाकाम रहीं और राज्य सरकार की सत्ता वापसी के मायने भी यही है कि वो जनता के विश्वास पर आगे भी खरा उतरने की कोशिश करेगी, क्योंकि उसके आज के काम और कल के किए जाने वाले कामों को ध्यान में रखकर ही जनता ने वोट किया है।

 


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